![]() |
dard shayari |
आज असमान के तारों ने मुझे पूछ लिया;
क्या तुम्हें अब भी इंतज़ार है उसके लौट आने का!
मैंने मुस्कुराकर कहा;
तुम लौट आने की बात करते हो;
मुझे तो अब भी यकीन नहीं उसके जाने का!
माना आज उन्हें हमारा कोई ख़याल नहीं;
जवाब देने को हम राज़ी है, पर कोई सवाल नहीं!
पूछो उनके दिल से क्या हम उनके यार नहीं;
क्या हमसे मिलने को वो बेकरार नहीं!
रेत पर नाम कभी लिखते नहीं;
रेत पर नाम कभी टिकते नहीं;
लोग कहते है कि हम पत्थर दिल हैं;
लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं!
महोब्बत और नफरत सब मिल चुके हैं मुझे;
मैं अब तकरीबन मुकम्मल हो चोका हूँ!
इश्क के रिश्ते कितने अजीब होते है?
दूर रहकर भी कितने करीब होते है;
मेरी बर्बादी का गम न करो;
ये तो अपने अपने नसीब होते हैं!
वो खुद पर गरूर करते है, तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं!
जिन्हें हम चाहते है, वो आम हो ही नहीं सकते!
कोई ठुकरा दे तू हंस के सह लेना;
मोहब्बत की ताबित में ज़बरदस्ती नहीं होती!
ये वफ़ा तो उस वक्त की बात है ऐ फ़राज़;
जब मकान कच्चे और लोग सच्चे हुआ करते थे!
कोई अच्छा लगे तो उनसे प्यार मत करना;
उनके लिए अपनी नींदे बेकार मत करना;
दो दिन तो आएँगे खुशी से मिलने;
तीसरे दिन कहेंगे इंतज़ार मत करना!
कृष्ण ने राधा से पूछा: ऐसी एक जगह बताओ, जहाँ में नहीं हूँ?
राधा ने मुस्कुराके कहा, `बस मेरे नसीब में`!
अजीब खेल है ये मोहब्बत का;
किसी को हम न मिले, कोई हमें ना मिला!
फूल खिलते रहे जिंदगी की राह में;
हंसी चमकती रहे आपकी निगाह में;
कदम कदम पर मिले ख़ुशी की बाहर आपको;
दिल देता है यही दुआ बार-बार आपको;
वेलेंटाइन डे की शुभकामनाए!
कभी हँसता है प्यार, कभी रुलाता है प्यार;
हर पल की याद दिलाता है यह प्यार;
चाहो या न चाहो पर आपके होने का एहसास दिलाता है ये प्यार;
वेलेंटाइन डे की शुभकामनाए!
खींच लेती है मुझे उसकी मोहब्बत;
वरना मै बहुत बार मिला हूँ आखरी बार उससे!
उसने देखा ही नहीं अपनी हथेली को कभी;
उसमे हलकी सी लकीर मेरी भी थी!
तुम्हारे पास नहीं तो फिर किस के पास है?
वो टुटा हुआ दिल, आखिर गया कहाँ!
ये डूबने वाले का ही होता हे कोई फन;
आँखों में किसी के भी समंदर नहीं होता!
दिल की धड़कन और मेरी सदा है वो;
मेरी पहली और आखिरी वफ़ा है वो;
चाहा है उसे चाहत से बड़ कर;
मेरी चाहत और चाहत की इंतिहा है वो!
तुम मुझे मौका तो दो ऐतबार बनाने का;
थक जाओगे मेरी वफाओं के साथ चलते चलते!
तमाम नींदें गिरवी हैं हमारी उसके पास;
जिससे ज़रा सी मुहब्बत की थी हमनें!
बस इतना ही कहा था, कि बरसो के प्यासे हैं हम;
उसने अपने होठों पे होंठ रख के, हमे खामोश कर दिया!
उनके आने के इंतज़ार में हमनें;
सारे रास्ते दिएँ से जलाकर रोशन कर दिए!
उन्होंने सोचा कि मिलने का वादा तो रात का था;
वो सुबह समझ कर वापस चल दिए।
बेवाफायों की इस दुनियां में संभलकर चलना मेरे दोस्तों;
यहाँ बर्बाद करने के लिए, मुहब्बत का भी सहारा लेते हैं लोग!
मेरे इश्क ने सीख ली है, अब वक़्त की तकसीम...
वो मुझे बहुत कम याद आता है;
सिर्फ इतना - दिल की हर एक धड़कन के साथ!
बड़ी मुददत के बाद मिलने वाली थी कैद से आज़ादी;
पर किस्मत तो देखो, जब आज़ादी मिलने वाली थी;
तब तक पिंजरे से प्यार हो चुका था!
मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही;
वो मुझे चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नही;
ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो;
सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही!
खफा न होना हमसे, अगर तेरा नाम जुबां पर आ जाये;
इंकार हुआ तो सह लेंगे और अगर दुनिया हंसी, तो कह देंगे;
कि मोहब्बत कोई चीज़ नहीं, जो खैरात में मिल जाये;
चमचमाता कोई जुगनू नहीं, जो हर रात में मिल जाये;
हमसे बदल गये वो निगाहें तो क्या हुआ
जिंदा हैं कितने लोग मोहब्बत किये बगैर!
ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में;
मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी;
मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा;
और मेरी जान पैदल होगी!
कोई छुपाता है, कोई बताता है;
कोई रुलाता है, तो कोई हंसाता है;
प्यार तो हर किसी को ही किसी न किसी से हो जाता है;
फर्क तो इतना है कि कोई अजमाता है और कोई निभाता है!
हम रूठे तो किसके भरोसे, कौन आएगा हमें मनाने के लिए;
हो सकता है, तरस आ भी जाए आपको;
पर दिल कहाँ से लाये, आप से रूठ जाने के लिए!
रात होगी तो चाँद दुहाई देगा;
ख्वाबों में आपको वह चेहरा दिखाई देगा;
ये मोहब्बत है, ज़रा सोचकर करना;
एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा!
इश्क का जिसको ख्वाब आ जाता है;
समझो उसका वक़्त खराब आ जाता है;
महबूब आये या न आये;
पर तारे गिनने का तो हिसाब आ ही जाता है!
दो दिलो की मोहब्बत से जलते हैं लोग;
तरह-तरह की बातें तो करते हैं लोग;
जब चाँद और सूरज का होता है खुलकर मिलन;
तो उसे भी \"सूर्य ग्रहण\" तक कहते हैं लोग!
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह, कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे;
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह, कि होश भी आने की इजाज़त मांगे!
उनके आने के इंतज़ार में हमनें;
सारे रास्ते दिएँ से जलाकर रोशन कर दिए!
उन्होंने सोचा कि मिलने का वादा तो रात का था;
वो सुबह समझ कर वापस चल दिए।
मेरे इश्क ने सीख ली है, अब वक़्त की तकसीम...
वो मुझे बहुत कम याद आता है;
सिर्फ इतना - दिल की हर एक धड़कन के साथ!
मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही;
वो मुझे चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नही;
ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो;
सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही!
खफा न होना हमसे, अगर तेरा नाम जुबां पर आ जाये;
इंकार हुआ तो सह लेंगे और अगर दुनिया हंसी, तो कह देंगे;
कि मोहब्बत कोई चीज़ नहीं, जो खैरात में मिल जाये;
चमचमाता कोई जुगनू नहीं, जो हर रात में मिल जाये;
ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में;
मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी;
मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा;
और मेरी जान पैदल होगी!
कोई छुपाता है, कोई बताता है;
कोई रुलाता है, तो कोई हंसाता है;
प्यार तो हर किसी को ही किसी न किसी से हो जाता है;
फर्क तो इतना है कि कोई अजमाता है और कोई निभाता है!
हम रूठे तो किसके भरोसे,
कौन आएगा हमें मनाने के लिए;
हो सकता है, तरस आ भी जाए आपको;
पर दिल कहाँ से लाये, आप से रूठ जाने के लिए!
रात होगी तो चाँद दुहाई देगा;
ख्वाबों में आपको वह चेहरा दिखाई देगा;
ये मोहब्बत है, ज़रा सोचकर करना;
एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा!
इश्क का जिसको ख्वाब आ जाता है;
समझो उसका वक़्त खराब आ जाता है;
महबूब आये या न आये;
पर तारे गिनने का तो हिसाब आ ही जाता है!
दो दिलो की मोहब्बत से जलते हैं लोग;
तरह-तरह की बातें तो करते हैं लोग;
जब चाँद और सूरज का होता है खुलकर मिलन;
तो उसे भी "सूर्य ग्रहण" तक कहते हैं लोग!
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह,
कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे;
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह,
कि होश भी आने की इजाज़त मांगे!
एक जनाजा और एक बारात टकरा गए;
उनको देखने वाले भी चकरा गए;
ऊपर से आवाज आई-ये कैसी विदाई है;
महबूब की डोली देखने साजन कि अर्थी भी आई है।
लोग कहते हैं पिये बैठा हूँ मैं;
खुद को मदहोश किये बैठा हूँ मैं;
जान बाकी है वो भी ले लीजिये;
दिल तो पहले ही दिये बैठा हूँ मैं।
ना जाने वो कौन तेरा हबीब होगा;
तेरे हाथों में जिसका नसीब होगा;
कोई तुम्हें चाहे ये कोई बड़ी बात नहीं;
लेकिन तुम जिसको चाहो, वो खुश नसीब होगा!
आँखों में आंसुओं की लकीर बन गई;
जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई;
हमने तो सिर्फ रेत में उंगलियाँ घुमाई थी;
गौर से देखा तो आपकी तस्वीर बन गई!
Comments
Post a Comment